जादुई कंचे
गुड्डू : द सुपर हीरो की कहानी
[ जादूई कंचे ]
पार्ट (11)
Recap.........
गुड्डू पहले रफ्तार जादूई कंचा लेकर थोड़ा भागा और कहा रफ्तार जैसे ही रफ्तार कहा गुड्डू इस कोने से फटाक से उस लास्ट कोने पर जा पहुंचा ।
और फिर उस कोने से रफ्तार बोला इस कोने पर चला आया ।
जिसे देखकर सुपर टीम बहुत खुश नजर आ रही थी .........
अब आगे ......✍️
इसी तरह गुड्डू ने वह " रफ्तार जादूई " कंचा रखकर दूसरा " ताकत जादूई कंचा " निकाला और ट्राई लिया । गुड्डू ने प्लाट वाले पार्क में पड़ा एक बड़ा सा पत्थर देखा गुड्डू ने
जादूई कंचे में झांकते हुए कहा- ताकत !
गुड्डू ने उस पत्थर में एक मुक्का मारा और पत्थर के टुकड़े हो गए ।
" बहुत बढ़िया गुड्डू " पिंटू ने कहा ।
और फिर सबने ताली बजाई ।
गुड्डू ने ताकत जादूई कंचा रखने के बाद इल्म जादूई कंचा निकाला और उस कंचे को देखकर सोचने लगा कि किस तरह का इल्म हासिल करू और फिर सोचने के बाद गुड्डू ने " इल्म जादूई कंचे " से कहा- " हुकाला क्या कर रहा होगा इल्म हासिल हो "
गुड्डू के सामने एक हैरतंगेज तरीके से जादूई स्क्रीन बन गई जैसे कोई टीवी हो और उसमें दिखाई दे रहा था " हुकाला"
हुकाला अपने चेलों के साथ लोगो को लूटने का प्लान बना रहा था । गुड्डू की सुपर टीम ने जब यह देखा तो वह हैरान रह गए कि हुकाला के पास भी तब्दीली शक्ति आ गई उसका भी रंग रूप बदल गया और एक रोबोटिक विलेन बना हुआ है ।
गुड्डू ने इल्म जादूई कंचे के इस जादू को बंद किया और कहने लगा कि
" हुकाला हम तुझे मूंगा नगर लूटने नही देंगे "
और तुझ्से हम वो तब्दीली जादूई कंचा लेकर रहेंगे "
इस बार तुझे ऐसी शिकस्त देंगे कि दोबारा लौटकर मूंगा नगर " में नहीं आओगे "
अब चौथे पर्दा जादूई कंचे की बारी थी गुड्डू ने उस इल्म वाले जादूई कंचे को रख लिया और पर्दा जादूई कंचा निकाल लिया
और जादूई कंचे के सामने " पर्दा हो" कहा ।
कहते ही गुड्डू अदृश्य (गायब ) हो गया ।
" हैं ह ह ये गुड्डू कहां चला गया " पिंटू बोला
" गुड्डू! गुड्डू ! " गुड़िया बोली
गुड्डू है कि अदृश्य(गायब) होकर कह रहा था कि " मैं यही हूं " " लेकिन तुम मेरी सुन ही नही रहे हो "
तोता मिठ्ठू इधर उधर उड़ते हुए बोला - गुड्डू कहां हो तुम !
"लगता है हुकाला के जादू ने गुड्डू का अपहरण तो नही कर लिया"
अलबेला बोला ।
कुछ देर में गुड्डू अपने रूप में आया और अपनी सुपर टीम को दिखाई देने लगा ।
देखते ही सबने खुशी मनाई ।
" गुड्डू तुम आ गए " हमें लगा तुम हमेशा के लिए गायब हो " गुड़िया , गुड्डू से कहते हुए ।
गुड्डू ने जादूई कंचो का ट्राई लेने के बाद उसकी सुपर टीम में अलबेला और पिंटू की बारी थी
पिंटू को ताकत जादूई कंचा गुड्डू ने सौंप दिया और कहा कि जब हम कभी मुश्किल में होंगे तो पिंटू तुम अपनी दोगुनी ताकत का इस्तेमाल से हमे बचाने का काम करोगे उसके बाद अलबेला को इल्म का जादूई कंचा सौंप दिया जब में हमे किसी मुसीबत में इल्म(ज्ञान ) की जरूरत पड़ेगी तब तुम इसका इस्तेमाल करना और मदद करना ।
अब रहा पर्दा जादूई कंचा इसके इस्तेमाल मेरी बहन गुड़िया करेगी जब कभी कहीं खुफिया जगह पर खोजबीन आदि पर वह मदद कर सकेगी ।
" ठीक है मेरी सुपर पावर टीम "
सुपर टीम ने एक साथ बोला " ठीक है "
" देखा मार खा गए न " गुड्डू ने जवाब दिया
गुड़िया के पास जादूई कंचे को रखने की शीशी नही है
इसीलिए जब तब तक मैं ही इस परदा जादूई कंचे का इस्तेमाल करूंगा ।
तोता मिठ्ठू और गुड़िया एक साथ रहेंगे ।
" हा अब ठीक है " अलबेला बोला ।
" शुक्रिया गुड्डू "पिंटू ने शुक्रिया अदा किया ताकत जादूई कंचे का हकदार बनाने पर ।
" शुक्रिया " अलबेला ने भी इल्म हासिल कंचे का हकदार बनाने पर शुक्रिया अदा किया ।
कुछ ही देर में सभी जादूई कंचो का ट्राई लेने के बाद गुड्डू और उसकी सुपर टीम उसी प्लाट वाले पार्क में लगी एक बैंच पर लाइन से बैठ गए और अब वह बैठकर सोचने लगे कि अब हम हुकाला को कैसे पकड़ेंगे वह अब अपने रूप की तब्दीली लेने लगा है और न जाने किस किस की तब्दीली करके उसने न जाने कितने ही लोगो को लूट लिया होगा ।
उधर हुकाला हा हा हा हा हा करते हुए अपने अड्डे पर खुश हो रहा था क्योंकि वह कुछ जेवर नगर से चुरा लाया था ।
और उसके दोनो चेले भी खुशी से जेवरों को निखार रहे थे । हुकाला ने चेलों को आदेश दिया कि कल शनिवार है ज्यादातर नगर की थकी हारी जनता देर तक सोती है क्योंकि इतवार की छुट्टी होती है सब आराम से उठेंगे और इसी का फायदा उठाकर हम माल को लूटना शुरू करेंगे ।
जाओ चेलों तैयार हो जाओ आज दिन में डाका डालेंगे झिमकु तुम एक लोडिंग गाड़ी का इंतजाम करो और झेला मेरे साथ आएगा । " चलो ! झेला " हुकाला अपने कदम बढ़ाता हुआ बोला और मूंगा नगर में चोरी को अंजाम देने के लिए निकल पड़ा ।
इधर गुड्डू और उसकी सुपर टीम भी हुकाला की तलाश में निकल पड़ी कही वह मूंगा नगर में फिर से किसी भी तरह की चोरी डकैती को अंजाम न दे दे ।
साफ सुथरा दिन था रोज की तरह लोगो की दुकानें सजी हुई थी लोग अपने एक स्थान से दूसरे स्थान को जा रहे थे ।
रास्ते में हुकाला अपना शिकार ढूंढते हुए चला आ रहा था उसने देखा एक ज्वेलर्स अभी अभी दुकान खोलने आया था उसके साइन बोर्ड से पता चल रहा था कि वह लकी ज्वेलर्स था लेकिन उसके साथ उसका एक भाई और एक नौकर भी था
" ठीक है दुकान मैने खुलवा दी है, ध्यान से साफ सफाई करके बैठो, मैं दोपहर में खाना लेकर आता हूं " लकी साहब ने कहा ।
और घर को गाड़ी में बैठकर चल दिए ।
हुकाला ने तुरंत देखकर तब्दीली कंचा हाथ में लिया और " तब्दीली लकी साहब " बोलकर हुकाला ने लकी साहब का रूप ले लिया और चल दिया लकी ज्वेलर्स की दुकान में
" क्या बात लकी साहब दोबारा आ गए " नौकर ने कहा ।
" क्या कोई काम रह गया " नौकर ने फिर कहा ।
हुकाला लकी साहब का रूप लेकर पहले तो इधर उधर नजर दौड़ाई और फिर कहने लगा ।
" मित्तल को जानते हो " यह उसका भाई सुनकर बोला-
"जी भैय्या वही मित्तल यमुना विहार वाले "
हा वही, सुना था उन्होंने एलआईसी की बहुत बड़ी रकम उन्हे मिली थी यही कोई बीस तीस लाख रूपये, और वह उन रूपयो के जेवर लेना चाहते है "
भैय्या ने बोला - लेकिन भैय्या इतने जेवरों का वो क्या करेंगे उनकी तो कोई बेटी भी नही है लड़का लंदन गया हुआ है पढ़ाई करने अभी वो पांच साल तक शादी नही करेंगे लड़के की, फिर इतनी जेवर की उन्हे जरूरत क्यों है "
हुकाला लकी भैय्या के रूप में था ही बोला कि " तुम नही जानते भैय्या आजकल लोगो की नजर नोटो पर होती है और फिर नोट रखे रखे खराब हो जाते है सोना खराब नही होगा और हमे क्या हमारा तो व्यापार बड़ेगा ना क्यों सही कहा न "
" हा वो बात तो है " भैय्या ने कहा ।
" ठीक है ना तो फिर ये सोने के सात आठ जेवर के सेट इस झेला को दे दो , ये उनका साला है अभी गांव से आया है "
" जी मैं झेला " भैय्या की ओर देखते हुए झेला ने बोला ।
" लकी भैय्या सच में इसे दे दू " भैय्या ने लकी साहब से पूछा
" मेरे भैय्या तुम बहुत सीधे। हो " अरे मैं खुद मित्तल साहब के घर जा रहा हूं " हुकाला ने मुस्कुराते हुए भैय्या से कहा ।
तभी 00085 नंबर की एक लोडिंग गाड़ी दुकान के बाहर आकर रूकी जिसे हुकाला का चेला झिमकु चलाकर लेकर आया था ।
" वो देखो " मित्तल साहब का दूसरा साला भी आ गया वह कपड़े का माल एक पार्टी को छोड़कर आ रहा है अभी मेरी फोन पर बात हुई थी " इसका नाम झिमकू है पूछो पूछो
वही गाड़ी में बैठा झिमकू ने गर्दन हिलाकर बताया -
" जी मैं झिमकु" झिमकू ने भैय्या की ओर देखते हुए कहा ।
" बोनी हो गई समझो ,भैय्या जल्दी करो मित्तल सहाब हमारा इंतजार कर रहे होंगे
और तीस लाख रुपए हमारा इंतजार कर रहे है "
हुकाला ने भैय्या से कहा ।
भैय्या लकी साहब की बात सुनकर भैय्या ने सात आठ सोने के जेवर के बॉक्स झेला को पकड़ा दिए " सही से रखना सारे जेवर " भैय्या ने झेला से कहा ।
झेला सारे जेवर लेकर आगे लोडिंग गाड़ी में बैठ गया था हुकाला लकी साहब के रूप में ही बोला - ठीक है भैय्या मैं रकम और खाना दोनो लेकर आता हूं
भैय्या ने जवाब दिया "ठीक है " और इस तरह से हुकाला ने लकी ज्वेलर्स के भैय्या को बेवकूफ बनाकर लूट लिया
और चलता बना ।
इसके बाद रास्ते में हुकाला को एक फर्नीचर की दुकान पर गया और देखा कि एक ग्राहक ने लेटेस्ट सोफा से लिया जिसकी कीमत चार लाख रुपए थी अदा कि और बोला की मैं अभी मेरा ड्राइवर लोडिंग गाड़ी लेकर आएगा आप उसी गाड़ी में भेज दीजिएगा मालिक ने हामी भर दी " ठीक है "
और फिर ग्राहक वहां से चला गया ।
हुकाला ने तुरंत ही उस ग्राहक का रूप बदला और पहुंच गया फर्नीचर की दुकान मालिक के पास ।
हुकाला ने झिमकु को बुलाया और बताया कि ये मेरा ड्राइवर है आप सोफा लोड करा दीजिए ।
फर्नीचर के दुकान मालिक ने देखा ग्राहक अपना ड्राइवर ले आया और लोडिंग गाड़ी भी ।
दुकान मालिक ने अपने नौकर द्वारा सोफा गाड़ी में लोड करा दिया ।
शुक्रिया अदा करते हुए हुकाला वहां से लोडिंग गाड़ी में बैठकर निकल लिया झिमकु लोडिंग गाड़ी चला रहा था।अब तो दोपहर भी हो चली थी
उधर लकी ज्वेलर्स पर जब लकी साहब खाना लेकर पहुंचे तो
भैय्या ने जेवर की रकम के बारे में पूछा । लकी साहब ने बताया कि उन्हें ऐसे कोई भी मित्तल की जानकारी नही नही और न ही मैं जेवर लेकर गया हु दुकान से, उसका भैय्या और नौकर दोनो बार बार यही कहते रह गए । लकी भैय्या आप ही जेवर मित्तल को देने ले गए थेबी।
कुछ देर बाद बहस के बढ़ते बढ़ते दोनो भाई आग बबूला हो गए और लड़ाई पर उतर आए, गिरेबान तक हाथ चले गए और तकरार बढ़ते बढ़ते लड़ाई रोड पर आ गई ।
" तुमने माल चोरी कर बेच दिया भैय्या "
" नही मैने नही लिया"
" तुम चोर हो "
नही मैने नही चुराया"
की आवाजों को सुन सुनकर भीड़ जमा होना शुरू हो गईं
इधर गुड्डू और उसकी सुपर टीम यहां से गुजर रही थी
गुड्डू ने देखा भीड़ लगी है आखिर किया मामला है जाकर देखा जाए दोनो भाई लड़ झगड़कर वहीं दुकान के बाहर बैठ गए । गुड्डू ने दोनो भाईयो की बात सुनी और मालूम हुआ कि
दोनो ही अपनी जगह ठीक थे लेकिन गुड्डू ने लकी साहब के घर से जानकारी ली कि वह अभी अभी खाना लेकर गए है
और टिपीन छूने से मालूम हो गया था कि लकी साहब झूठ नही बोल रहे थे और उस चोर के साथ झिमकू और झेला नाम के दो साले भी थे यह मालूम होने के बाद गुड्डू समझ गया ये जरूर उस हुकाला का काम होगा ।
गुड्डू ने कहा - चलो सुपर टीम उस हुकाला को ढूंढते है ?
लेकिन थोड़ा दूर चलते ही एक और मामला सामने आ गया
और वह था उस ग्राहक का लेटेस्ट एंटीक पीस सोफा जो चार लाख में उस ग्राहक ने खरीदा था । मालिक का कहना था तुम आकर गाड़ी में लोड़ करके ले गए थे । ग्राहक बोला - कि मैं नही ले गया था ।
इसी बीच दोनो की नोक झोंक रोड पर आ गईं थी जिसे गुड्डू को समझने में देर नहीं लगी गुड्डू ने ग्राहक और मालिक दोनो से बात की और भरोसा दिलाया कि हम ढूंढ लायेंगे उस चोर को जो भी था ।
गुड्डू उस सोफे मालिक से गाड़ी का नंबर पता किया ।
उनको तो याद नही था लेकिन उसके नौकर ने देखा था जब वह सोफा गाड़ी में लोड करवा रहा था नौकर ने बताया कि मैने देखा था 00085 नंबर था ।
" ठीक है "
गुड्डू ने पूछा क्या उस लोडिंग गाड़ी में झिमकु और झेला नाम के दो लोग थे उनके बारे में कुछ सुना तो नौकर ने बताया कि हा एक झिमकू नाम का ड्राइवर था और एक आदमी गाड़ी में कुछ जेवेलर डिब्बे लेकर बैठा हुआ था ।
गुड्डू और उसकी सुपर टीम सब समझ गई ।
गुड्डू को अब पूरा यकीन हो गया था ये काम हुकाला ने उस जादूई कंचे की मदद से तब्दीली लेकर अपने चेलों के साथ किया था ।
आज के लिए इतना ही शुक्रिया ✍️
लेखक : गुड्डू मुनीरी सिकंदराबादी
क्या होगा जादूई कंचे की शक्तियों के आने के बाद ,
क्या गुड्डू उस तब्दीली कंचे को हुकाला से छुड़ा पाएगा
क्या गुड्डू सभी कंचो की शक्तियों के इस्तेमाल से सुपर हीरो बन जायेगा सस्पेंस को जानने के लिए
आने वाला पार्ट (12) जरूर पढ़े ।
गुड्डू : द सुपर हीरो " रहस्य जादूई कंचे का"
Khushbu
12-Feb-2024 11:16 PM
Nice one
Reply
Mohammed urooj khan
12-Feb-2024 01:10 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
Reply
Varsha_Upadhyay
11-Feb-2024 06:35 PM
Nice
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